मशरूम कम्पोस्ट (SMS) क्या है और किसानों के लिए क्यों जरूरी है?
मशरूम कम्पोस्ट (SMS) किसानों के लिए मिट्टी सुधारने का एक भरोसेमंद और किफ़ायती उपाय है। इसे Spent Mushroom Substrate भी कहा जाता है। जब मशरूम की फसल तैयार हो जाती है, तो उसके बाद जो मिश्रण बचता है वही मशरूम कम्पोस्ट कहलाता है। यह मिट्टी को ताक़त देने, नमी बनाए रखने और पैदावार बढ़ाने में किसानों की मदद करता है।
भारत में खेती का भविष्य मिट्टी की सेहत पर निर्भर करता है। आज हर किसान यह महसूस कर रहा है कि लगातार रासायनिक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग से मिट्टी की ताक़त कम हो रही है। उत्पादन पर भी असर पड़ रहा है और खर्चे लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में किसानों को एक ऐसा विकल्प चाहिए जो प्राकृतिक भी हो और किफ़ायती भी।
इसी विकल्प का नाम है – मशरूम कम्पोस्ट या Spent Mushroom Substrate (SMS)।
1. मशरूम कम्पोस्ट (SMS) क्या होता है?
मशरूम की खेती के लिए खास तरह का मिश्रण तैयार किया जाता है। इसमें आमतौर पर गेहूं का भूसा, धान का पुआल, गोबर, जिप्सम और अन्य जैविक पदार्थ मिलाए जाते हैं। जब मशरूम की फसल तैयार हो जाती है और उसकी कटाई कर ली जाती है, तब जो मिश्रण बचता है उसे Spent Mushroom Substrate (SMS) या मशरूम कम्पोस्ट कहा जाता है।
यह किसी तरह का कचरा नहीं है। बल्कि यह एक पोषक तत्वों से भरपूर खाद है, क्योंकि मशरूम उत्पादन के दौरान इसमें कई प्रकार के जैविक परिवर्तन हो चुके होते हैं। यही वजह है कि यह मिट्टी की उर्वरता और संरचना सुधारने में बहुत कारगर साबित होता है।
2. मशरूम कम्पोस्ट की संरचना (Composition)
मशरूम कम्पोस्ट (SMS) की सबसे बड़ी ताक़त यह है कि इसमें मिट्टी और पौधों के लिए ज़रूरी लगभग सभी प्रमुख और सूक्ष्म पोषक तत्व मौजूद रहते हैं:
नाइट्रोजन (N): पौधों की पत्तियों को हरा-भरा और मजबूत बनाता है, वृद्धि में मदद करता है।
फॉस्फोरस (P): जड़ों के विकास और फूल/फल बनने में सहायक।
पोटाश (K): फसल की गुणवत्ता, स्वाद और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
कैल्शियम (Ca), मैग्नीशियम (Mg) और जिंक (Zn): मिट्टी की संरचना सुधारते हैं और पौधों को संतुलित पोषण देते हैं।
लौह (Iron/Fe): पौधों की पत्तियों को पीला होने (chlorosis) से बचाता है और क्लोरोफिल निर्माण में मदद करता है।
जैविक कार्बन (Organic Carbon): मिट्टी की जीवनशक्ति बनाए रखता है, सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ाता है और मिट्टी को लंबे समय तक उपजाऊ बनाए रखता है।
जैविक पदार्थ (Organic Matter): मिट्टी को भुरभुरा, हल्का और सांस लेने योग्य बनाता है।
3. किसानों को मशरूम कम्पोस्ट क्यों इस्तेमाल करना चाहिए?
(क) मिट्टी की उर्वरता में सुधार
SMS डालने से मिट्टी में जैविक पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है। इससे मिट्टी उपजाऊ बनती है और लंबे समय तक खेत की उत्पादकता बनी रहती है।
(ख) मिट्टी की संरचना और नमी
SMS मिट्टी को हल्का और भुरभुरा बनाता है। यह पानी सोखकर लंबे समय तक जड़ों में नमी बनाए रखता है। इससे सिंचाई पर खर्च कम होता है।
(ग) फसल उत्पादन और गुणवत्ता
जिन किसानों ने SMS का इस्तेमाल किया है, उन्होंने पाया कि उनकी फसलों की पैदावार बढ़ी और सब्ज़ियों/फलों की गुणवत्ता भी बेहतर हुई।
(घ) किफ़ायती विकल्प
यह रासायनिक खादों से सस्ता पड़ता है। और इसका असर लंबे समय तक रहता है, इसलिए बार-बार डालने की ज़रूरत भी कम होती है।
(ङ) पर्यावरण और मिट्टी की सेहत
रासायनिक खाद जहां जमीन को धीरे-धीरे “मृत” कर देती हैं, वहीं SMS मिट्टी में जीवन वापस लाता है। यह पूरी तरह प्राकृतिक है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुँचाता।
4. किन फसलों में SMS का उपयोग किया जा सकता है?
अनाज की फसलें (Cereals)
गेहूं और धान: SMS मिट्टी में नमी बनाए रखता है, जिससे सिंचाई का खर्च घटता है। इसमें मौजूद नाइट्रोजन और पोटाश अनाज की दानों की भराव क्षमता और वजन को बढ़ाते हैं।
मक्का, ज्वार और बाजरा: SMS मिट्टी को भुरभुरा बनाता है, जिससे मोटे अनाज की जड़ों को गहराई तक फैलने में मदद मिलती है। इससे पौधों को हवा और पोषण बेहतर मिलता है।
👉 कैसे डालें: बुवाई से पहले प्रति बीघा 8–10 क्विंटल SMS मिट्टी में मिला दें।
दलहन (Pulses)
चना, अरहर, मूंग, मसूर: दलहन वाली फसलें मिट्टी में नाइट्रोजन फिक्स करती हैं। SMS डालने से इनकी जड़ों में मौजूद गांठों (nodules) का विकास तेज होता है, जिससे मिट्टी में और अधिक नाइट्रोजन जुड़ती है।
इससे दालों की पैदावार और प्रोटीन की मात्रा बढ़ती है।
👉 कैसे डालें: SMS को हल्की जुताई से मिट्टी में मिला दें या पौधों की कतारों के बीच बिखेर दें।
तिलहन (Oilseeds)
सरसों और सूरजमुखी: SMS में मौजूद पोटाश और सल्फर तेल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ाते हैं।
सोयाबीन: SMS डालने से पौधों की जड़ों में नमी बनी रहती है, जिससे दाने बेहतर बनते हैं और तेल की मात्रा भी अधिक होती है।
👉 कैसे डालें: फूल आने से पहले SMS डालना सबसे अच्छा परिणाम देता है।
सब्ज़ियाँ (Vegetables)
आलू और प्याज़: SMS मिट्टी को हल्का और ढीला रखता है, जिससे कंद और बल्ब का आकार अच्छा होता है।
टमाटर, बैंगन, मिर्च: SMS में मौजूद कैल्शियम और पोटाश फल सड़न (blossom end rot) जैसी समस्याओं को रोकते हैं और स्वाद व रंग बेहतर बनाते हैं।
पत्ता गोभी, फूलगोभी, पालक आदि: SMS में मौजूद नाइट्रोजन पत्तियों को बड़ा और हरा-भरा बनाता है।
👉 कैसे डालें: प्रति बीघा 12–15 क्विंटल SMS, या गड्ढों/क्यारियों में सीधे पौधे लगाने से पहले मिलाएँ।
बागवानी फसलें (Fruit Orchards)
आम, अमरूद, लीची, संतरा, नींबू: SMS पेड़ों की जड़ों के चारों ओर डाला जाए तो नमी बनी रहती है और फूल झड़ने की समस्या कम होती है।
सेब और अंगूर: SMS मिट्टी का pH संतुलित करता है और सूक्ष्म पोषक तत्व उपलब्ध कराता है, जिससे फल का आकार और मिठास बेहतर होती है।
👉 कैसे डालें: हर पेड़ के चारों ओर 10–20 किलो SMS डालकर मिट्टी से ढक दें। यह प्रक्रिया साल में 1–2 बार दोहराएँ।
फूल और सजावटी पौधे (Flowers & Ornamentals)
गुलाब, गेंदा, ग्लैडियोलस, लिली: SMS से फूलों का रंग गहरा और चमकीला होता है।
SMS मिट्टी को मुलायम रखता है जिससे फूलों की जड़ों को पर्याप्त हवा और पोषण मिलता है।
गमले में लगाए गए फूल लंबे समय तक खिले रहते हैं।
👉 कैसे डालें: फूलों की क्यारियों में मिट्टी और SMS को 60:40 अनुपात में मिलाएँ।
नर्सरी और किचन गार्डन (Nursery & Kitchen Garden)
SMS गमलों और क्यारियों के लिए बेहतरीन मिश्रण है।
यह मिट्टी को हल्का बनाता है, पौधों की जड़ों को मजबूत करता है और लगातार पोषण देता है।
टमाटर, मिर्च, धनिया, पुदीना, पालक जैसी सब्ज़ियाँ और तुलसी, एलोवेरा जैसे औषधीय पौधों के लिए बहुत उपयोगी है।
👉 कैसे डालें: मिट्टी और SMS को बराबर अनुपात (50:50) में मिलाकर गमले या क्यारी में पौधे लगाएँ।
संक्षेप में
मशरूम कम्पोस्ट हर प्रकार की खेती – चाहे अनाज हो, सब्ज़ी, बाग हो या किचन गार्डन – सबके लिए एक बहुउपयोगी और टिकाऊ खाद है। यह मिट्टी को भी ताक़तवर बनाता है और फसलों को भी।
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5. कैसे इस्तेमाल करें मशरूम कम्पोस्ट?
खेत की जुताई से पहले:
प्रति बीघा लगभग 10–12 क्विंटल SMS मिट्टी में मिला दें।
हल या रोटावेटर से अच्छे से मिला दें ताकि यह मिट्टी में घुल-मिल जाए।
रोपाई/बुवाई के समय:
पौधों की जड़ों के पास SMS की हल्की परत डाल सकते हैं।
इससे जड़ें जल्दी मजबूत होती हैं।
बागवानी में:
फलदार पेड़ों के चारों ओर गड्ढे में 10–15 किलो SMS डालें और ऊपर से मिट्टी डाल दें।
हर 6–8 महीने बाद यह प्रक्रिया दोहराएँ।
गमलों/किचन गार्डन में:
मिट्टी और SMS को 50:50 अनुपात में मिलाकर पौधे लगाएँ।
यह मिश्रण पौधों को ज़रूरी पोषण देगा और नमी बनाए रखेगा।
6. रासायनिक खादों की तुलना में SMS क्यों बेहतर?
| पहलू | रासायनिक खाद | मशरूम कम्पोस्ट (SMS) |
|---|---|---|
| कीमत | महंगा, बार-बार डालना पड़ता है | सस्ता और लंबे समय तक असरदार |
| मिट्टी पर असर | मिट्टी को बंजर और सख्त करता है | मिट्टी को भुरभुरा और उपजाऊ बनाता है |
| पर्यावरण | प्रदूषण और भूजल प्रदूषित करता है | पूरी तरह प्राकृतिक और सुरक्षित |
| उत्पादन | शुरुआती लाभ, बाद में नुकसान | लगातार और टिकाऊ उत्पादन |
7. किसानों के लिए सावधानियाँ
Weathering ज़रूरी है: SMS को उपयोग से पहले 6–9 महीने तक खुले में ढेर लगाकर रख दें, ताकि यह पूरी तरह से condition होकर खेत में डालने लायक बन जाए।
संतुलित मात्रा में उपयोग करें: बहुत अधिक मात्रा डालने से मिट्टी का pH असंतुलित हो सकता है। इसलिए उचित मात्रा (जैसे प्रति बीघा 8–12 क्विंटल) ही मिलाएँ।
पहली बार प्रयोग करने वाले किसान: छोटे हिस्से (एक क्यारी या छोटा खेत) में ट्रायल करें और नतीजे देखने के बाद बड़े स्तर पर उपयोग करें।
8. भविष्य की खेती के लिए जरूरी कदम
आज दुनिया भर में मिट्टी की सेहत को बचाने पर जोर दिया जा रहा है। आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु भी अपनी “Save Soil” मुहिम के ज़रिए किसानों और समाज को लगातार जागरूक कर रहे हैं कि मिट्टी में जैविक पदार्थ बढ़ाना ही आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा है। मशरूम कम्पोस्ट उसी दिशा में एक सरल और कारगर समाधान है।
9. निष्कर्ष
मशरूम कम्पोस्ट (SMS) किसानों के लिए मिट्टी का टॉनिक है। यह न सिर्फ पैदावार बढ़ाता है बल्कि मिट्टी की उम्र भी बढ़ाता है। जब किसान इसका सही उपयोग करेंगे तो उन्हें लंबे समय तक कम लागत में बेहतर उत्पादन मिलेगा।
👉 किसानों से हमारी अपील है: एक बार अपने खेत में मशरूम कम्पोस्ट का इस्तेमाल ज़रूर करें। आप खुद देखेंगे कि यह मिट्टी को कैसे जीवन से भर देता है।
अधिक जानकारी प्राप्त करने या किसी विशेषज्ञ की देखरेख में SMS (मशरूम कम्पोस्ट) का उपयोग करने के लिए हमें इस नंबर पर 7037335027 कॉल या WhatsApp करें।
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