महंगे उर्वरकों का विकल्प – मशरूम कम्पोस्ट (SMS) कैसे बचाएगा आपकी लागत।
किसान भाइयों, आज खेती की सबसे बड़ी समस्या है – महंगे रासायनिक उर्वरक और कमजोर होती मिट्टी।
हर साल यूरिया, डीएपी और अन्य खादों की कीमत बढ़ रही है, लेकिन मिट्टी की ताक़त घट रही है। इसी वजह से फसलें पहले जैसी ताक़तवर और लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रह गईं।
ऐसे समय में एक नया विकल्प धीरे-धीरे किसानों तक पहुँच रहा है – मशरूम कम्पोस्ट (SMS)।
यह मशरूम की खेती से बचा हुआ कम्पोस्ट है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण बहुत कम किसान इसके बारे में जानते हैं।
न इसके फायदे पूरी तरह समझे जाते हैं,
न ही इसकी कीमत (Price) कहीं रेगुलर तय है।
भारत में मशरूम कम्पोस्ट (SMS) की कोई स्थायी मंडी या सरकारी नियमन (Regulated Market) नहीं है।
इसलिए जहाँ जैसा बिकता है, वैसा दाम किसान भाइयों को देना पड़ता है।
इसी वजह से कई बार किसान को असली फायदा नहीं मिल पाता।
लेकिन अगर SMS को सही तरीके से पहचाना और उपयोग किया जाए, तो यह मिट्टी की सेहत सुधारने और खेती को टिकाऊ बनाने का एक मजबूत हथियार है।
मशरूम कम्पोस्ट (SMS) क्या है?
मशरूम की खेती के बाद जो खाद बच जाती है, उसे SMS कहते हैं।
इसमें अभी भी भरपूर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, कैल्शियम और जैविक कार्बन बचा रहता है।
इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह धीरे-धीरे पौधों को पोषण देता है और मिट्टी की संरचना सुधारता है।
अधिक जानकारी के लिए और पढ़ें – मशरूम कम्पोस्ट (SMS) क्या है और किसानों के लिए क्यों जरूरी है?
भारत में SMS की कीमत: क्यों अलग-अलग है?
किसान भाई अकसर पूछते हैं – “मशरूम कम्पोस्ट (SMS) का दाम क्या है?”
सच यह है कि पूरे भारत में इसका कोई रेगुलर प्राइस तय नहीं है।
कीमत इन बातों पर निर्भर करती है:
पैकिंग → Bulk SMS (खुला) सस्ता होता है, बैग में पैक किया गया महँगा।
नमी → गीला कम्पोस्ट भारी और सस्ता, सूखा हल्का और महँगा।
दूरी → जितनी दूर खेत से मशरूम फार्म होगा, ट्रांसपोर्ट उतना महँगा पड़ेगा।
स्थानीय उपलब्धता → जहाँ मशरूम फार्म ज्यादा (जैसे उत्तराखंड, पंजाब, यूपी) वहाँ दाम कम।
औसत दाम (प्रति टन):
ताज़ा/गीला SMS → ₹3,000 – ₹4,000
सड़ा-पका (6–8 महीने पुराना) → ₹5,000 – ₹6,000
बैग वाला/छना हुआ → ₹7,000 – ₹12,000+
👉 यानी SMS का दाम “स्थानीय बाजार और उपलब्धता” पर ही तय होता है।
किसानों के लिए मशरूम कम्पोस्ट (SMS) के फायदे
मिट्टी की उर्वरता और संरचना सुधारता है।
खेत में नमी बनाए रखता है, जिससे बार-बार सिंचाई की जरूरत कम।
पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं, जिससे जल्दी और स्वस्थ ग्रोथ।
रोग दबाव कम करने में मदद करता है क्योंकि इसमें अच्छे सूक्ष्म जीव होते हैं।
खेती का खर्च घटता है क्योंकि महंगे रासायनिक खाद की जरूरत कम हो जाती है।
लेकिन याद रखो भाई – खेती में गारंटी किसी चीज़ की नहीं होती।
SMS सिर्फ़ मिट्टी को मज़बूत करने और पौधों को सहारा देने में मदद करता है।
SMS बनाम गोबर खाद बनाम रासायनिक खाद
| खाद का प्रकार | फायदे | सीमाएँ |
|---|---|---|
| रासायनिक खाद | तुरंत असर दिखता है, शुरुआती ग्रोथ तेज़ | मिट्टी को कमजोर करता है, हर साल खर्च बढ़ता है |
| गोबर खाद | प्राकृतिक, आसानी से उपलब्ध, मिट्टी को उपजाऊ बनाती है | असर धीरे-धीरे दिखता है, बड़ी मात्रा चाहिए |
| मशरूम कम्पोस्ट (SMS) | पोषक तत्व + जैविक कार्बन, नमी संरक्षण, मिट्टी सुधार | कोई रेगुलर मार्केट नहीं, उपलब्धता क्षेत्रीय है |
SMS खरीदने से पहले ध्यान देने वाली बातें
किसान भाइयों, SMS लेने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है, वरना आपको असली फायदा नहीं मिलेगा:
कितना पुराना कम्पोस्ट है?
SMS अगर बहुत पुराना (1 साल से ज़्यादा) है तो उसकी ताक़त कम हो जाती है।
सबसे अच्छा SMS वही है जो 6–8 महीने पुराना हो।
क्या यह लैब-टेस्टेड है?
SMS में पोषक तत्व कितने बचे हैं, इसकी रिपोर्ट होना ज़रूरी है।
लैब-टेस्टेड कम्पोस्ट ही भरोसेमंद है।
क्या यह साफ़ और छना हुआ (Filtered) है?
कई बार कम्पोस्ट में पत्थर, प्लास्टिक या अनावश्यक चीज़ें मिल जाती हैं।
अच्छा SMS हमेशा छना और साफ़-सुथरा होना चाहिए।
Soil n Roots में हम यही तीनों बातों का ध्यान रखते हैं –
सही समय तक mature हुआ SMS,
लैब टेस्टेड क्वालिटी,
और पूरी तरह छना हुआ कम्पोस्ट।
📞 खरीदने से पहले सलाह ज़रूर लें: +91-703 733 5728
किसान भाइयों के आम सवाल (FAQs)
1. प्रति एकड़ कितना SMS डालें?
👉 सामान्यतः 2–4 टन प्रति एकड़, मिट्टी की स्थिति और फसल पर निर्भर करता है।
2. किन फसलों में SMS उपयोगी है?
👉 सब्ज़ियाँ (टमाटर, मिर्च, गोभी), गन्ना, बागवानी फसलें और अनाज।
3. क्या SMS पूरी तरह ऑर्गेनिक है?
👉 यह प्राकृतिक है लेकिन हमेशा “ऑर्गेनिक सर्टिफाइड” नहीं होता।
4. SMS कितने समय तक रखा जा सकता है?
👉 सूखी जगह पर रखने पर 6–8 महीने तक उपयोग योग्य रहता है।

